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₹6.85 का शेयर गवर्नमेंट ने ₹10 में खरीदा, अब ₹17.5 हो चुकी है कीमत लेकिन बेचने को तैयार नहीं सरकार

By Dindyal Das

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₹6.85 का शेयर गवर्नमेंट ने ₹10 में खरीदा, अब ₹17.5 हो चुकी है कीमत लेकिन बेचने को तैयार नहीं सरकार
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पहले साल सरकार ने वोडाफोन आइडिया पर अपने बकाए को Equity में बदला था। यह सौदा ₹10 प्रति शेयर पर तय किया गया था। जबकि उस समय इस शेयर की कीमत लगभग 7 रूपये था। अब इसकी कीमत 17.50 रुपए हो गई है लेकिन सरकार इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हो रही है।

कर्ज में डूबी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के शेयर के हाल में काफी तेजी नजर आई है। इससे सरकार की सबसे ज्यादा 33% हिस्सेदारी है लेकिन सरकार फिलहाल कंपनी हिस्सेदारी कम करने के इरादे में नही है।

27 फरवरी को कंपनी का फंड इकट्ठा करने की योजना है। इसका प्रयोग 5G सर्विस लॉन्च करने और कर्ज कम करने के लिए किया जाएगा। वोडाफोन आइडिया में कुमार मंगलम बिड़ला , आदित्य बिड़ला ग्रुप और ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन के PALC के प्रमोटर है लेकिन इसमें सरकार की सबसे बड़ी हिस्सेदारी भी है। सूत्रों के मुताबिक सरकार की वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी को बेचने का किसी भी प्रकार का योजना नहीं है। इसके बारे में समय आने पर ही कोई फैसला लिया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार सरकार को यह लगता है कि कंपनी को पहले एक विश्वसनीय रिवाइवल प्लान को मार्केट में लाना चाहिए। उसके बाद ही सरकार कंपनी से निकलने के बारे में फैसला करेगी। कंपनी पर लगभग 2.2 लाख करोड रुपए का कर्ज़ हो चुका है। और इसका घाटा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। करीब 1 साल पहले सरकार ने कंपनी पर अपने बकाए के बदले हिस्सेदारी लेने का फैसला किया था। उसके बाद कंपनी के शेयर में 150 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। पिछले तीन फरवरी को इसका बंद शेयर 6.85 रुपए था। जो कि शुक्रवार को 17.5 रुपए तक पहुंच गया है।

महंगा खरीदा था शेयर

यदि सरकार इसमें अपना हिस्सा सेल करती है तो उससे अच्छा खासा रिटर्न मिल सकता है। सरकार ने 1 साल पहले ₹10 भाव पर वोडाफोन आइडिया का शेयर को बहुत जोखिम पर खरीदा था। उस टाइम इसका मार्केट प्राइस 6.85 रुपए था। लेकिन कंपनी एक्ट के मुताबिक Equity को उसकी वैल्यू से कम कीमत पर नहीं खरीदा जा सकता है। वोडाफोन आइडिया ने 22 फरवरी को फंड जुटाने की योजना की घोषणा कि थी। जानकारों का यह कहना है कि कंपनी को अरबों डॉलर के निवेश की आवश्यकता है और इस दिशा में पहला कदम है रिलायंस जियो और एयरटेल के बाद वोडाफोन आइडिया देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। लेकिन पिछले कुछ समय से इसके ग्राहको की संख्या लगातार घटती जा रही है।

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