तो दोस्तों कैसे हैं, आप सब आशा करता हूं आप अच्छे होंगे आज के इस आर्टिकल में मैं आपके लिए 26 जनवरी पर एक स्पीच लेकर आया हूं यह स्पीच आप अपने स्कूल कॉलेज या फिर 26 जनवरी पर कहीं आयोजित फंक्शन मैं बोल सकते हैं अंग्रेजों को हमारे देश से भगाने के बाद हमारे देश के कई महान व्यक्तियों ने भारत का संविधान की रचना की और इन्होंने यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया तभी से हमारा देश इसी संविधान के नियमों पर चल रहा है।
गणतंत्र दिवस पर प्रेरणात्मक भाषण।
माननीय प्रधानाचार्य जी हमारे प्यारे अतिथि गण सामान्य अभिभावक को वह मेरे प्यारे साथियों।
आज हम एक बहुत ही विशेष मौके पर इस प्रांगण में इकट्ठे हुए हैं, क्योंकि आज ही के दिन हमारे देश का संविधान लागू किया गया था और हमारे देश के संविधान को लागू किए हुए 75 वर्ष हो गए हैं और यह दिन हमारे लिए बहुत ही विशेष दिन है क्योंकि यह हमें हमारे भारत के एक नए युग की जन्म तारीख को दिखलाता है, यह दिन हमें हमारे महान पुरुषों की याद दिलाता है जिन्होंने हमारे देश को अंग्रेजों से आजादी दिलवाई वह दोबारा से हमारे देश को प्रगति के पथ पर चलने का कार्य किया।
अगर हम भारत के इतिहास को पीछे मुड़कर देखें तो यह हमारे हृदय को आश्चर्य से भर देता है क्योंकि हमारे देश को अंग्रेजों ने अंग्रेजों ने कई वर्षों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ कर रखा जिन लोगों ने हमारे देश भारत को गुलामी की जंजीर ऑन से छुड़वाया था उन्हीं की बदौलत आज हम हमारे घरों में सुरक्षित बैठे हैं संघर्ष से संघर्ष से लेकर लोकतंत्र तक का सफर एक बहुत ही लंबा सफर भारत के लिए रहा है और इस सफर में कई महान व्यक्तियों ने अपनी जान भी गवाही है
उन्हें महान लोगों की बदौलत आज हमारा देश आजाद है और दोबारा से तरक्की कर रहा है आज 675 वर्ष पहले और वह आज ही का दिन था जब हमारे संविधान को भारत देश के अंदर पारित किया गया और इस संविधान के मुखिया डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे भीमराव अंबेडकर ने यह कहा था कि हमारे देश का कानून लचीला है, और यह कानून देश के अंदर हर परिस्थिति में न्याय व्यवस्था बनाए रखेगा और देशवासियों को एकजुट रखेगा सभी विषयों को जान में रखते हुए हमारा यह कानून बनाया गया है।
मैं यहां बैठे सभी छात्रों से ही है कहना चाहता हूं कि आज हम जो पढ़ने लिखने वह कामयाब होने के सपने देख रहे हैं, वह केवल हम हमारे संविधान की बदौलत है हमारा संविधान कोई कागजी दस्तावेज नहीं है, यह एक सत्य एवं न्यायाधीश कानून व्यवस्था का एक राजा है जिसने हमारी 140 करोड़ जनता को एकजुट बंद रखा है, और हमारे संविधान के अंदर सभी को अपनी बात रखने का हक दिया गया है।
मैं यहां बैठे छवि छात्रों से अनुरोध करता हूं कि एक छात्र होने के नाते उनका यह कर्तव्य बनता है कि वह हमारी कानून व्यवस्था का सहारा लेकर आगे बढ़े वह हमारे समाज के कल्याण के अंदर अपना योगदान दे।
शिक्षा वह चाबी है, जो हमारे सफलता के अनेक तालों को खोलती है शिक्षा हमारे अंदर आत्मविश्वास को जगाती है, जिससे हमारे अंदर कुछ करने का जुनून पैदा होता है शिक्षा का सहारा लेकर हम अपने समाज व देश को आगे ले जाने में मदद कर सकते हैं।
तो चलिए आज के इस गणतंत्र दिवस के मौके पर हम शपथ लेते हैं कि हम कोई गलत कार्य नहीं करेंगे और जो भी गलत कार्य कर रहा है, उसे रोकेंगे कड़ी मेहनत करेंगे अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे कोई गलत काम नहीं करेंगे वह हमारे समाज में देश के कल्याण में अपनी एक अहम भूमिका निभाएंगे।
अनेकता में ही एकता भारत की शान है तभी तो मेरा देश महान है।
जय हिंद जय भारत
इंकलाब जिंदाबादनोट तो दोस्तों यह थी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दी जाने वाली स्पीच इस स्पीच को आप अपने कॉलेज यूनिवर्सिटी या फिर स्कूल के कार्यक्रम में दे सकते हैं अगर आपको हमारी यह स्पीच पसंद आई तो इसे आप ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमारे पेज को अवश्य फॉलो करें।
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